Niranjani Akhada : पूर्व महामंडलेश्वर मंदाकिनी की अस्पताल से ही गिरफ़्तारी
गत दिनों निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर मंदाकिनी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था। जिसमे एक महंत को महामंडलेश्वर बनाने का झांसा देकर उसके साथ साढ़े सात लाख रुपये की ठगी करने के मामले में मंदाकिनी को आरोपी बनाया गया रहा। आरोप लगने के बाद मंदाकिनी जहरीला पदार्थ पी लिया था जिसके बाद से ही वे अस्पताल में उपचारर्थ थी। मंगलवार को पूर्व महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। Chimangunj Police
6 मई को मंदाकिनी के खिलाफ चिमनगंज पुलिस ने एफआइआर की थी। जिला अस्पताल में उसका उपचार जारी था। मंगलवार सुबह छुट्टी मिलते ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले निरंजनी अखाड़े ने भी कार्रवाई करते हुए मंदाकिनी से महामंडलेश्वर पद ले लिया था और अखाड़े से भी निष्कासित कर दिया था। चिमनगंज पुलिस ने बताया कि महंत सुरेश्वरानंद गिरि की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है। वह कमेड मार्ग पर महामाया आश्रम संचालित करते हैं। कुछ दिनों पहले महंत को सांदीपनि आश्रम के सामने नागचंद्रेश्वर मंदिर परिसर में रहने वाली मंदाकिनी और उसके सहयोगी अश्विनी चौधरी निवासी हरिद्वार उत्तराखंड ने झांसे में लेकर श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाने को कहा। इसके एवज में साढ़े सात लाख रुपये ले लिए। फिर टालते रहे। महंत को ना तो कोई उपाधि मिली और ना ही राशि अखाड़े के मुख्यालय तक पहुंची थी।